उत्तर प्रदेश गंभीर बिजली संकट की चपेट में

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प्रदेश में इस समय बिजली की मांग करीब 9,000 मेगावाट तक पहुंच गई है, वहीं प्रदेश सरकार के पास अपने समस्त संसाधनों से लगभग 6,500 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध है।

हिमाचल और जम्मू एवं कश्मीर से होने वाली सप्लाई के घटने के कारण संकट पैदा हुआ है। राज्य सरकार ने हिमाचल से 300 मेगावाट बिजली की सप्लाई का करार कर रखा है। हिमाचल में पनबिजली का उत्पादन घटने के बाद वहां से इस समय मिलने वाली बिजली घटकर 70 से 80 मेगावाट रह गई है। इसी तरह जम्मू एवं कश्मीर से मिलने वाली बिजली में भी जबरदस्त गिरावट आई है।

प्रदेश सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर से भी 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति का करार कर रखा है। लेकिन गर्मी के चलते वहां भी बिजली के उत्पादन में कमी आई है। इस समय राज्य को जम्मू एवं कश्मीर से केवल 220 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है।

सारी कोशिशों के बाद भी सूबे में बिजली की सप्लाई 7500 मेगावाट से ज्यादा नहीं हो पाई रही है।

उत्तर प्रदेश विद्युत कारपोरेशन निगम लिमिटेड के निदेशक (वितरण) अरुण कुमार का कहना है कि तापमान बढ़ने से प्रदेश के ताप बिजली घरों में उत्पादन पर फर्क पड़ा है। साथ ही इस समय कई बिजलीघरों में मरम्मत का काम चलने के कारण उत्पादन शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली संकट दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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