रामगढ़ के बाद कांतापहाड़ी की ओर बढ़ने की तैयारी में सुरक्षा बल

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमारे जवानों को अभी आराम करने की जरूरत है। हमें अगली कार्रवाई की रूपरेखा भी तैयार करनी है ताकि किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।"

केंद्रीय अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल के जवानों ने संयुक्त कार्रवाई के तहत शनिवार को नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले रामगढ़ को अपने कब्जे में ले लिया था।

रविवार को रामगढ़ में सब कुछ सामान्य सा रहा। दुकानें खुली और लोग घरों को लौटने लग गए हैं।

सुरक्षा बलों का मानना है कि लालगढ़ के दक्षिण और रामगढ़ के उत्तर में स्थित कांतापहाड़ी में नक्सली उनसे मुकाबला कर सकते हैं।

इस बीच, लालगढ़ जाने का प्रयास कर रहे आठ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को शनिवार को मिदनापुर के जिला मुख्यालय में गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें फिल्म निर्माता गोपाल मेनन, गण प्रतिरोध मंच के राजा सारखेल और रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट के महासचिव राजकिशोर सिंह शामिल हैं।

पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिमी रेंज) कुलदीप सिंह ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को इस शर्त पर रिहा कर दिया गया कि वे वापस लालगढ़ नहीं जाएंगे।

पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक के. पी. एस. गिल ने भी लालगढ़ जाकर वहां की स्थिति का अध्ययन करने की इच्छा जताई थी लेकिन उन्हें मिदनापुर से वापस लौटा दिया गया।

गृह सचिव अर्धेंदु सेन ने कहा, "हमने उन्हें सलाह दी है कि सुरक्षा बल जहां कार्रवाई कर रहे हैं वहां वह नहीं जाएं। वह मिदनापुर तक जाएं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन हम उन्हें संवेदनशील क्षेत्रों में जाने की इजाजत नहीं दे सकते।"

इस बारे में जब गिल से संपर्क साधा गया तो उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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