दया मृत्यु चाहते हैं सूखे से परेशान किसान
राष्ट्रपति को संबोधित चार पृष्ठ के पत्र में कहा गया है, "वर्ष 2004 के सूखे में किसानों ने अपनी बैलगाड़ियां,बकरियां और अन्य चीजें बेची,2007 में जमीनों के टुकड़े बेचे,2008 के सूखे में अपनी महिलाओं के गहने बेचे। इस सूखे में अब हम क्या खुद को बेचें? हम एक सम्मानपूर्ण जीवन तो जी नहीं पाए लेकिन हमें सम्मानजनक मौत की अनुमति मिलनी चाहिए।"
हस्ताक्षर अभियान आरंभ करने वालों में से एक देवेंद्र महतो ने बताया कि अब तक 2,000 किसान पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। 5,000 किसानों के हस्ताक्षर एकत्र करने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
इस पत्र को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,देश के प्रधान न्यायाधीश के.जी.बालाकृष्णन और राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी को भेजा जाएगा।
हस्ताक्षर अभियान की सूचना मिलने के बाद राज्यपाल ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति गंभीर है और किसी भी किसान को सूखे के कारण मरने नहीं दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पलामू क्षेत्र पिछले पांच वर्षो से सूखे से प्रभावित है। इस वर्ष वहां अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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