संप्रग के शिक्षा सुधारों का वाम शासित राज्य सरकारें करेंगी विरोध
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक वरिष्ठ नेता और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "शिक्षा सुधार के नाम पर संप्रग सरकार शिक्षा व्यवस्था का निजीकरण और उसका विकेंद्रीकरण करने की कोशिश कर रही है।"
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को नजरअंदाज करके देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के नाम पर एकतरफा फैसला नहीं ले सकती।
वामपंथी नेताओं ने सरकार के इस कदम का विरोध करना भी आरंभ दिया है। त्रिपुरा के स्कूली शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने कहा, "शिक्षा सुधार की दिशा में कोई भी कदम उठाने से पहले केंद्र सरकार को राज्य सरकारों, शिक्षाविदें, छात्रों, पालकों और बुद्धिजीवियों को विश्वास में लेना चाहिए था।"
इस दिशा में जल्दबाजी में उठाया गया कोई भी कदम छात्रों के भविष्य और देश की शिक्षा प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित करने वाला है।
उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी प्रस्तावित शिक्षा सुधारों का विरोध किया है। राज्य के माध्यमिक शिक्षा मंत्री पार्थ डे ने कोलकाता में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा सुधार का जो खाका तैयार किया है उससे गरीब और सामान्य वर्ग के छात्रों से शिक्षा दूर हो जाएगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।