न्यायालय के समक्ष महिला का बलात्कार से इंकार
एक सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष 35 वर्षीय महिला ने कहा कि इलाके में अवैध गतिविधियों पर कड़ाई करने के कारण उसने इंद्रपुरी थाने के एसएचओ और चार पुलिसकर्मियों पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया।
मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के अधिकारियों ने महिला को द्वारका के सिटी कोर्ट में पेश किया जहां उसका बयान दर्ज किया गया।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि अपने बयान में महिला ने बताया कि एसएचओ प्रदीप कुमार के इलाके के असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ाई बरतने और पति के सट्टेबाज होने के कारण उसने पुलिस पर झूठे आरोप लगाए, जिससे एसएचओ का तबादला हो जाए या वह निलंबित हो जाए।
गलत आरोप लगाने के कारण महिला पर कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर भगत ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उसने पहले बलात्कार का आरोप लगाया और फिर मुकर गई। उसके बयानों की प्रमाणिकता की जांच की जा रही है। इस संबंध में न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जाएगी।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि महिला को दंड देने के संबंध में पूरा अधिकार न्यायालय को है। झूठे आरोप लगाने पर उसे छह महीने कैद की सजा हो सकती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।