असम में फैली जातीय हिंसा रोकने के लिए राष्ट्रपति से गुहार
इस पत्र में कहा गया है, "दिमासस और जेलियांगरोंग नागा जनजातियों के बीच दशकों से मधुर संबंध रहे हैं लेकिन आज ये दोनों समुदाय दुष्प्रचार और राजनीतिक षडयंत्र के शिकार हो गए हैं। एनसी हिल्स जिले में हो रही जातीय हिंसा निंदनीय है और स्थानीय लोगों के हित में भी नहीं है।"
इसमें कहा गया, "ऐसा समझा जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे किसी उग्रवादी संगठन का हाथ है। स्थानीय युवकों को गुमराह कर ये संगठन हिंसा फैला रहे हैं।"
महिला सुरक्षा मंच ने अपने पत्र के जरिए राष्ट्रपति से हिंसा में शामिल उग्रवादी संगठनों का पता लगाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में सुषमा स्वराज और विजया चक्रवर्ती के अलावा महिला सुरक्षा मंच की अध्यक्ष सुभाषिनी हासनू, महासचिव अगोई जेमे और कुछ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।