कर्ज में डूबे परिवार ने मांगी इच्छा मृत्यु
बैतूल जिले की नगर पंचायत भैसदेही में ट्रैक्टर चालक के तौर पर 12 वर्षो तक बतौर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में सेवा देने वाले रामराव माली को जनवरी में सेवा से पृथक कर दिया गया है। रामराव का कहना है कि उप संचालक नगरीय प्रशासन ने मुख्य नगर पंचायत अधिकारी तथा अध्यक्ष को उसे (रामराव को) नियमित करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं उसे नियमित करने का उच्च न्यायालय जबलपुर भी आदेश दे चुका है। इसके बावजूद नियमित करना तो दूर उसे सेवा में भी बहाल नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लगायी गुहार
रामराव की पांच बेटियां है जो दूसरी से 11वीं तक की पढाई कर रही है। नौकरी से बेदखल किए जाने के बाद रामराव के लिए बेटियों को पढ़ाना और परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। उसने कई लोगों से कर्ज ले रखा है। एक तरफ आय का कोई जरिया नहीं है दूसरी ओर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। इन स्थितियों से परेशान होकर राम राव ने प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर पूरे परिवार को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
व्यवस्था से हार चुके रामराव ने इच्छा मृत्यु के आवेदन की एक प्रति बैतूल के कलेक्टर अरुण कुमार भट्ट को भी सौंपी है। भट्ट ने आईएएनएस को बताया है कि उनके पास इच्छा मृत्यु का आवेदन आया है। उन्होंने नगर पंचायत भैसदेही से पूरी जानकारी मंगाई है। साथ में वह कहते हैं कि नगर पंचायत स्वायत संस्था है और वह फैसला खुद करती है। रामराव के मामले में क्या हुआ है इसकी जानकारी होने पर ही प्रशासन की ओर से कुछ कर पाना संभव होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।