औद्योगिक वृद्धि को गति देने के लिए कर सुधार जरूरी : सीआईआई
सीआईआई की ओर से एक बयान में कहा गया है, "तमाम जटिलताओं और कर जमा करने में समय की बर्बादी को घटाने के लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कई उपकरों और अधिभारों के बदले एक कॉरपोरेट कर की व्यवस्था कर दी जाए।"
बयान में आगे कहा गया है, "कॉरपोरेट कर के एक हिस्से को देश की शिक्षा जरूरतों के लिए अलग किया जा सकता है।"
औद्योगिक वृद्धि के लिए प्रेरणा देने के साथ ही सीआईआई ने लाभकर निवेश की भी वकालत की है।
बयान में कहा गया है, "संयंत्र और मशीनरी के मामले में अवमूल्यन दर को 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दी जानी चाहिए और संपत्तियों पर पूर्ण अवमूल्यन की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसने जीवन और छोटी लागत को 25,000 रूपये तक सीमित कर दिया है।"
इसके अलावा सीआईआई ने किसी कॉरपोरट समूह और उसकी सहयोगी इकाइयों द्वारा लाभांश वितरण पर बहुस्तरीय कराधान समाप्त करने का भी आग्रह किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।