शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई मेरी प्राथमिकता : सिब्बल
नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देना नवनियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की प्राथमिकता है। वह मदरसा शिक्षा को भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के हिमायती हैं।
सिब्बल ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में गुरुवार को यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "देश में एफडीआई जरूर आनी चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई न तो सीमित होनी चाहिए और न ही यह अतिविनियमित होनी चाहिए।"
वह कहते हैं, "गुणवत्ता परक शिक्षा से देश को वंचित नहीं करना चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होने से हमारा शिक्षा तंत्र विदेशियों के हाथ का खिलौना बन जाएगा।"
उन्होंने कहा, "वैसे भी 160,000 बच्चे शिक्षा प्राप्त करने विदेश जाते हैं वह भी करोड़ों रुपये खर्च कर। वहां जाने से पहले उन्हें वीजा जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। ऑस्ट्रेलिया जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है।"
खुद हार्वर्ड लॉ स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले सिब्बल कहते हैं, "विदेशों में पढ़ने की मांग है। ऐसे में जब विदेशी विश्वविद्यालय हमारे घरों तक आने को तैयार हैं तो हम अपने बच्चों को विदेश क्यों भेजें। भारत में गुणवत्तापरक शिक्षा का केंद्र बनने की क्षमता है।"
उन्होंने कहा, "विदेशी शैक्षणिक संस्थान विधेयक जिसे फरवरी 2007 में कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी, उसे वह आगे बढ़ाएंगे।"
एफडीआई को लेकर वामदलों के विरोध की ओर ध्यान आकर्षित करने पर सिब्बल कहते हैं, "वामपंथी दल विदेशी विश्वविद्यालयों के खिलाफ नहीं है। वे इसके नियंत्रण को लेकर आशंकित हैं। सब कुछ नियंत्रित तरीके से किया जाएगा और ऐसा होगा भी।"
मदरसा शिक्षा को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की भी वह बात करते हैं। वह कहते हैं, "मदरसा शिक्षा को प्रासंगिक और आधुनिक शिक्षा के मुकाबले खड़ा करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। हम इससे जुड़े धार्मिक हिस्से को नहीं छुएंगे। हमारी कोशिश होगी कि उनकी डिग्री को समकक्ष दर्जा दिया जाए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।