'अमेरिकी ग्रेजुएट्स नौकरी के लायक नहीं'
इंफॉर्मेशनवीक को दिये गये साक्षात्कार में विनीत नायर ने कहा कि अमेरिकी छात्र बिना ज्यादा बोझ लिये जल्दी से जल्दी अमीर बनना की चाहत रखते हैं। वो उन्हीं क्षेत्रों को पसंद करते हैं, जिसमें ग्लैमर हो, जबकि चीन और भारत के छात्र काम के बोर करने वाले भाग को भी उत्साह से लेते हैं।
असल जिंदगी के अनुभवों से लैस होते हैं भारतीय
करीब तीन महीने पहले पश्चिमी देशों की कुछ कंपनियों के सीईओ ने यह दावा किया था कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स पैदा करने वाला देश है, जिनमें आधे से ज्यादा नौकरी के लायक नहीं हैं। उन लोगों ने यह भी कहा था कि भारतीय छात्र मेहनती तो होते हैं, लेकिन उनके अंदर रचनात्मकता की कमी होती है।
इस पर नायर ने कहा कि भारतीय छात्रों के पास असल जिंदगी के अनुभव ज्यादा होते हैं। नायर की इन बातों ने आईटी उद्योग जगत में नये विवाद पैदा कर दिये हैं। नायर के इस बयान पर जॉबडिस्ट्रक्शन डॉट कॉम ने लिखा है कि नायर का यह बयान सिर्फ अमेरिकी ग्रेजुएट्स पर नहीं है, बल्कि वो मानते हैं कि सभी अमेरिकी नौकरी के लायक नहीं होते।