सरबजीत की समीक्षा याचिका खारिज (लीड-1)
अखबार न्यूज इंटरनेशनल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति रजा फय्याज के नेतृत्व वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने इस संबंध में अपना फैसला सुनाया।
सरबजीत पर वर्ष 1990 में लाहौर में चार बम धमाकों को अंजाम देने का आरोप है। इन धमाकों में 14 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद से सरबजीत को 1991 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। तभी से वह पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में बंद है।
सरबजीत के परिजनों ने इन धमाकों में उसकी भूमिका नहीं होने का दावा करते हुए उसे निर्दोष बताया है। इस संबंध में उसके परिजनों की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए 9 मार्च 2006 को पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
एक अप्रैल 2008 को उन्हें फांसी देने की तारीख मुकर्रर की गई थी लेकिन नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने अपने अधिकारियों से सरबजीत की फांसी के मामले की समीक्षा करने को कहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।