बिहार में अभियंताओं ने किया प्रदर्शन, कल से बेमियादी हड़ताल पर
अभियंताओं ने कहा कि अब भी हमारी मांगें नहीं पूरी हुई तो गुरुवार से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। आज के प्रदर्शन में पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, भवन निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभग, ग्रामीण कार्य विभाग सहित कई विभागों में पदस्थापित अभियंताओं ने भाग लिया।
बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) के महासचिव राजेश्वर मिश्र तथा अभियंत्रण सेवा समन्वय समिति के महामंत्री कमलकांत शर्मा ने सरकार से एक बार फिर अभियंताओं की मांगों को मांग लेने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि योगेन्द्र पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों की मौत की जांच सीबीआई से करायी जाए। उन्होंने दावा किया कि योगेन्द्र पांडेय आत्महत्या नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पांडेय के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा तथा उनकी पुत्री को अलग से 10 लाख का मुआवजा देने सहित संवेदक किशोर सिंह और सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की अपनी मांग दोहरायी।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती हैं तो राज्यभर के करीब 20 हजार अभियंता गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इधर, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अभियंताओं से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पांडेय की मौत के कारणों की समुचित जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अभियंताओं समेत सभी सरकारी कर्मियों और आमजन की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है।
उल्लेखनीय है कि राज्य भर के अभियंता अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अपने कार्यो का बहिष्कार कर रखा है।
ज्ञात हो कि सीतामढ़ी जिला के समाहरणालय (जिलाधिकारी कार्यालय) भवन की तीसरी मंजिल से गुरुवार को कथित तौर पर कूदकर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता योगेन्द्र पांडेय ने अपनी जान दे दी थी।
पुलिस के अनुसार उनकी जेब से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था जिसमें लिखा है, "मैं विभाग में काम करने के लायक नहीं हूं। विभाग भी मुझे नाकाम अधिकारी समझत' है, इस कारण मुझे जीने का हक नहीं है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।