लालगढ़ में ग्रामीणों का सुरक्षा बलों के प्रतिरोध का संकल्प
पुलिस अत्याचार के खिलाफ जन समिति (पीसीएपीए) के सिधू सोरेन ने कहा,"भारी संख्या में लोग घरों से भाग गए हैं लेकिन कुछ लोगों ने घरों में बने रहने का फैसला किया है। वे महसूस करते हैं कि वे भागें या न भागें,उन्हें सुरक्षा बलों के हाथों नुकसान सहना है। इसलिए उन्होंने सुरक्षा बलों का प्रतिरोध करते हुए मरने का फैसला किया है।"
पीसीएपीए के एक अन्य नेता छत्रधर महतो ने संकेत दिया कि आंदोलन को कुछ समय के लिए धीमा किया जाएगा और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित केंद्रीय बलों के एक बार वापस लौटने के बाद उसे फिर तेज किया जाएगा।
महतो ने संवाददाताओं से कहा,"हम जानते है कि इतने भारी सुरक्षा बल का हम प्रतिरोध नहीं कर सकते लेकिन केंद्रीय सुरक्षा बल यहां हमेशा नहीं बने रह सकते। एक बार जब वे चले जाएंगे,हम अपना आंदोलन उसी स्तर पर ले जाएंगे जैसा पिछले नवंबर में था।"
नक्सलवादियों के समर्थन से पीसीएपीए ने कोलकाता से 200 किलोमीटर दूर स्थित लालगढ़ इलाके में नागरिक और पुलिस प्रशासन को भगाकर वास्तविक सत्ता पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था।
केंद्र सरकार के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(माओवादी) को प्रतिबंधित करने के बाद मंगलवार रात को पार्टी प्रवक्ता गौर चक्रबर्ती को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया। अब तक पार्टी के शीर्ष नेताओं सहित 21 नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तारी से पूर्व चक्रबर्ती ने मीडिया को बताया कि नक्सलवादी केवल फिल्म निर्माता अपर्णा सेन जैसे वाम मोर्चा विरोधी बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में केंद्र और राज्य सरकार से वार्ता करने के इच्छुक हैं,जिन्होंने रविवार को लालगढ़ का दौरा किया था।
उच्च शिक्षा मंत्री सुदर्शन चक्रबर्ती ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने जनजातीय नायकों सिधू,कान्हू और बिरसा के नाम पर पुरुलिया और बांकुरा में विश्वविद्यालय की स्थापना का फैसला लिया है। इससे संथाली युवाओं को उच्च शिक्षा का बड़ा अवसर उपलब्ध होगा। इस संबंध में जल्द ही विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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