बलात्कार का मामला दर्ज नहीं करने पर लोगों ने थाने पर पथराव किया (लीड-1)
इंद्रपुरी इलाके में स्थित झुग्गियों में रहने वाली एक महिला का आरोप है कि इंद्रपुरी के थाना प्रमुख (एसएचओ) समेत पांच पुलिसकर्मियों ने सोमवार को थाने में ही उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक थाना प्रभारी को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
महिला का कहना है कि पुलिसकर्मी सोमवार रात को उसके पति को खोजते हुए उसके घर आए थे। पुलिस का कहना था कि उसका पति सट्टेबाजी का काम करता है।
महिला ने कहा, "मेरे पति उस समय घर पर नहीं थे। पुलिसवालों ने मुझे अपने साथ थाने चलने को कहा। मैं वहां गई तो मेरे साथ सबने बारी-बारी से बलात्कार किया। बाद में मुझे धमकी दी गई कि मैं इस मामले को लेकर किसी को कुछ न बताऊं।"
महिला ने इस घटना की जानकारी अपने पति को दी। उसका पति उसे लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
महिला के पति ने कहा, "मेरी पत्नी बदहवास हालत में घर पहुंची। उसने मुझे घटना के बारे में बताया। अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उसे अस्पताल लेकर गया। उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद मैं थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने गया लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया।"
इस घटना से गुस्साए लोगों ने मंगलवार को थाने को घेर लिया। लगभग 200 लोगों ने इंद्रपुरी थाने पर जबरदस्त पथराव किया। लोग मामले की रिपोर्ट लिखे जाने की मांग कर रहे थे। मामले की गंभीरता को भांपते हुए थाने के बाहर और भीतर सुरक्षा बढ़ा दी गई।
दक्षिणपश्चिमी जिले के उपायुक्त के. जगदीशन ने बताया, "यह मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है और एसएचओ को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर पुलिस लाइन स्थानांतरित कर दिया गया है।"
उपायुक्त के मुताबिक चिकित्सकीय परीक्षण से बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है, लिहाजा महिला के कपड़ों को रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला में भेजा गया है।
उन्होंने कहा, "इस मामले में फिलहाल किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। महिला ने मीडिया से बात की है। उसने फिलहाल इस मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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