वित्त आयोग आमेर के "ध्वनि एवं प्रकाश" कार्यक्रम से अभिभूत
"ध्वनि एवं प्रकाश" कार्यक्रम में ऐतिहासिक घटनाओं, शहंशाहों एवं महाराजाओं के परस्पर संवाद, युद्घ के परिदृश्यों, घोड़ों की टापे, तोपों की गर्जनाएं, लोक गीत-संगीत, मस्जिद की अजान, मंदिर की घंटियों की ध्वनि का जीवंत अहसास हो रहा था। इन ध्वनियों के प्रसारण के साथ आमेर दुर्ग एवं महलों के भीतर बाहर रंग बिरंगे प्रकाश की गतिशीलता एवं सामंजस्य देखने लायक था।
इस एक घंटे के कार्यक्रम में आयोग के सदस्य बी.के. चतुर्वेदी के नेतृत्व में डॉ. इंदिरा राजारमन, डॉ. विभा चतुर्वेदी, सचिव सुमति बोस, संयुक्त सचिव बी. भास्कर, बीएस. भुल्लर, बी.स्वेन, संघमित्रा बोस, संदीप कुमार, अनिल कुमार, प्रोमिला राजवंशी, बी. रवि एवं आर. रवीन्द्र सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व आयोग के कुछ प्रतिनिधियों ने बेजोड़ स्थापत्य कला के आमेर दुर्ग में आमेर विकास प्राधिकरण द्वारा करवाए जा रहे दुर्ग संरक्षण, विकास, पुनरूद्घार एवं स्थापत्य उपचार कार्य की विस्तार से जानकारी ली। दुर्ग की दीवारों एवं गुम्बदों में प्लास्टरों के नीचे दबे पड़े भित्ती चित्रों एवं कार्विग कला को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की आयोग से सराहना की। आयोग ने अभिकरण द्वारा खोजे गए दुर्ग के भूमिगत भवनों, सुरंगों के रास्तों के साथ वर्षो से छुपे स्थापत्य को पुन: प्राचीन स्वरूप में लौटाने के प्रयासों को लाजवाब बताया। उन्होंने अभिकरण द्वारा दुर्ग के भावी संरक्षण एवं पुनरूद्घार योजना, संभावित व्यय तथा पर्यटकों की आधारभूत सुविधाओं की जानकारी भी प्राप्त की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।