सुरक्षा बलों ने लालगढ़ में अभियान तेज किया (लीड-1)
लालगढ़ में सुरक्षा बलों ने पश्चिम मिदनापुर जिले के गांवों में राहत भी पहुंचाई, जहां लोग भोजन और पेय जल के अभाव की समस्या से जूझ रहे हैं। राज्य सररकार ने लालगढ़ में ब्लाक विकास कार्यालय में कामकाज शुरू कर दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों द्वारा आयोजित बंद के मद्देनजर राज्य भर में, खासतौर से तीन जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। पुलिस ने सड़कों पर गश्त की और प्रमुख स्थलों की रखवाली की। बसों व ट्रेनों में तलाशी भी ली गई।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कार्यकर्ता की हत्या में कथित भूमिका के लिए एक नक्सली नेता राजू बौरी को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के एक सूत्र ने कहा, "हमें एक स्थानीय माकपा नेता की हत्या के मामले में बौरी की तलाश थी।"
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक राज कन्नौजिया ने राजधानी कोलकाता में आईएएनएस को बताया, "लालगढ़ में सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। अभी तक किसी बड़ी घटना की खबर नहीं है।"
सुरक्षा बल के एक गश्ती दल ने सोमवार को लालगढ़ पुलिस स्टेशन से महज 500 मीटर की दूरी पर एक तार और अन्य सामग्री बरामद की। इन सामग्रियों को बारूदी सुरंग बिछाने में इस्तेमाल किया जा सकता था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने पूरे लालगढ़-रामगढ़ मार्ग पर बम और बारूदी सुरंगों के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया है। रामगढ़ पर कब्जे की हमारी कार्रवाई अभी सीमित स्तर पर है। इलाके को ठीक से समझ लेने के बाद अभियान तेज कर दिया जाएगा।"
विद्रोहियों ने इस महीने के शुरू में रामगढ़ चौकी को आग के हवाले कर दिया था और राज्य पुलिस को इलाके से भागने के लिए मजबूर कर दिया था।
तृणमूल कांग्रेस की नेता और रेलमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार रात नक्सलवाद प्रभावित तीनों जिलों-पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया को केंद्र सरकार से उपद्रवग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की थी।
पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ममता ने कहा था कि विपक्षी दलों और जनता का राज्य की वाम मोर्चा सरकार में विश्वास नहीं है और इन तीन जिलों में उपद्रवग्रस्त क्षेत्र कानून को लागू किया जाना चाहिए।
दूसरी ओर लालगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा आम जनता को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने और बारूदी सुरंग का पता लगाने के लिए उन पर दबाव डालने संबंधी खबरों को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सुरक्षा बलों को चेतावनी दी है कि वे अपनी कार्रवाई के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन न करें।
आयोग की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में नक्सलियों से हथियार डालने की भी अपील की गई। बयान में कहा गया है, "सुरक्षा बलों के जवान लालगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में जनता को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और उनसे बारूदी सुरंग का पता लगाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस संबंध में छपी खबरों को आयोग ने संज्ञान में लिया है।"
बयान में आयोग ने कहा है कि यदि वे मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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