राजनाथ ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली (लीड-1)
सिंह के संदेश को पार्टी महासचिव रविशंकर प्रसाद ने पढ़ा, जिसमें यह भी कहा गया कि वर्ष 2009 के चुनाव का जनादेश पार्टी की 'राष्ट्रव्यापी हार नहीं है।'
लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन भाषण में राजनाथ ने कहा, "लोकसभा चुनाव का जनादेश हमारी आशा के अनुरूप नहीं रहा लेकिन मैं खराब नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं। परंतु यह कहना ठीक नहीं है कि पार्टी की राष्ट्रव्यापी हार हुई है। "
बैठक से अनुपस्थित पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार अरुण जेटली की आलोचना को टालने का प्रयास करते हुए सिंह ने कहा,"भाजपा विजय और पराजय की सामूहिक जिम्मेदारी में विश्वास करती है और खराब परिणामों के लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराने की आवश्यकता नहीं है।"
पार्टी की विचारधारा को लेकर उठ रहे सवालों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "चुनाव में हमने जो मुद्दे उठाए थे उन्हें लेकर हमें कोई शर्मिदगी नहीं है। वे मुद्दे देश हित में थे। चाहे धार्मिक आधार पर आरक्षण की बात हो या फिर धार्मिक बजट और आतंकवाद का मुद्दा हो।"
रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव भाजपा की हिंदुत्व की विचारधारा पर जनमत संग्रह नहीं थे।
उन्होंने कहा कि हमने कुछ स्थानों पर अच्छा और कुछ पर खराब प्रदर्शन किया। परंतु संदेश स्पष्ट है कि भारत द्विदलीय प्रणाली की ओर बढ़ रहा है।
प्रसाद ने कहा कि हिंदुत्व सनातन, उदार और सहिष्णु अवधारणा है और पार्टी महसूस करती है कि इसे उपयुक्त ढंग से स्पष्ट नहीं किया गया और हमें इसकी समकालीन संदर्भो में व्याख्या करने की आवश्यकता है।
उधर, बैठक शुरू होने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, "जहां तक पार्टी का सवाल है तो विचारधारा से कोई समझौता नहीं होगा.. इसे कैसे संप्रेषित करना है ताकि सभी लोग स्वीकार करें, इस पर विचार होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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