स्वाइन फ्लूः लक्षण, रोकथाम और बचाव
स्वाइन
फ्लू
दरअसल
एक
संक्रामक
उत्परिवर्ती
वायरस
है,
जिसका
संक्रमण
मनुष्यों
में
आरंभ
हो
गया
है
और
इसने
21
वीं
सदी
की
महामारी
का
रूप
ले
लिया
है।
स्वाइन
फ्लू
या
H1N1
इन्फ्लूएंजा
दुनिया
भर
में
तेजी
से
फैलने
के
बाद
अब
भारत
के
दरवाजे
पर
अपनी
भयावह
दस्तक
दे
रहा
है।
कहतें
अपने
दुश्मन
के
बारे
में
जानकारी
हासिल
करना
उसे
जीतने
की
ओर
पहला
कदम
है।
लिहाजा भारत में स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी हासिल करके कम से कम हम उसकी की रोकथाम तो कर ही सकते हैं। यहां हम आपको इस फ्लू से जुड़ी कुछ अहम जानकारी देने जा रहे हैं।
स्वाइन फ्लू क्या है?
H1N1 इन्फ्ल्यूएंजा या स्वाइन फ्लू दरअसल चार वायरस के संयोजन के कारण होता है। आम तौर पर इस वायरस के वाहक सूअर होते हैं। यही वजह है कि मीडिया ने इसे स्वाइन फ्लू यानी कि 'सुअर फ्लू' का नाम दे डाला। अब तक यह जानवरों के लिए घातक नहीं था और न ही कभी इसने इंसानों को प्रभावित किया था।
लेकिन जब से इस विषाणु का उत्परिवर्तन हुआ है, इस फ्लू ने महामारी के रूप धारण कर लिया है, क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है। जोखिम का विषय यह है कि एक नया वायरस स्ट्रीम बन जाने के कारण कोई भी इससे अप्रभावित नहीं है। लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति इस संक्रमण के प्रति संवेदनशील है।
पढ़ें- क्या होता है अगर सही समय पर नहीं मिला इलाज
लक्षण
हालांकि
इसके
लक्षण
एक
सामान्य
फ्लू
के
समान
हैं,
मगर
लापरवाही
बरतने
पर
वे
गंभीर
हो
सकते
हैं।
आम
तौर
पर
इन
लक्षणों
के
प्रति
सचेत
रहने
की
जरूरत
है।
*
बुखार
*
खाँसी
*
सिरदर्द
*
कमजोरी
और
थकान
*
मांसपेशियों
और
जोड़ों
में
दर्द
*
गले
में
ख़राश
*
नाक
बहना
बचाव
और
बीमारी
की
रोकथाम
के
उपाय
खांसी
अथवा
छींक
के
समय
अपने
चेहरे
को
टिश्यू
पेपर
से
ढककर
रखें।
टिश्यू
पेपर
को
सही
तरीके
से
फेंके
अथवा
नष्ट
कर
दें।
अपने
हाथों
को
किसी
हैंड
सैनीटाइजर
द्वारा
नियमित
साफ
करें।
अपने
आसपास
हमेशा
सफाई
रखें।
पढ़ें-
कैसे
पता
करें
कि
आपको
स्वाइन
फ्लू
है
या
साधारण
फ्लू
चेहरे
पर
मास्क
को
बचाव
का
एक
तरीका
माना
जा
रहा
है,
मगर
वास्तव
में
यह
कितना
प्रभावी
है
इस
बारे
में
किसी
रिसर्च
के
जरिए
कोई
पक्के
नतीजे
सामने
नहीं
आए
हैं।
आपको
क्या
करना
चाहिए?
यदि
आपको
फ्लू
के
लक्षण
महसूस
हो
रहे
हैं,
भले
ही
आपने
हाल
में
कोई
यात्रा
की
हो
या
नहीं,
तुरंत
डाक्टर
के
पास
जाएं।
यदि
टेस्ट
रिपोर्ट
पॉजीटिव
आती
है
तो
घबराने
की
जरूरत
नहीं
है
क्योंकि
फ्लू
का
एंटीवारयल
ड्रग
टैमीफ्लू
के
जरिए
इलाज
किया
जा
सकता
है।
इस बारे में आपको अपनी सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय के दावों पर यकीन करना चाहिए। भारत ने पहले ही एहतियात के तौर पर टैमीफ्लू जो कि Oseltamivir के नाम से भी जाना जाता है, स्टाक रख लिया है।
अगर मीडिया से जारी उन रिपोर्ट्स ने आपको चिंता में डाल दिया है जिनमें बताया जा रहा है कि भारत में वायरल ड्रग्स अंतरराष्ट्रीय सिफारिश के स्तर से नीचे हैं आपको यह जानना चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिफारिश का मतलब देश की दस प्रतिशत आबादी के लिए पर्याप्त दवाओं के स्टाक से है।
पढ़ें- स्वाइन फ्लू से जुड़ी वो बातें जो आपको जरूर मालूम होनी चाहिये
हालांकि अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है मगर यह माना जा रहा है कि व्यावहारिक तौर पर भारत एक विशाल देश है और यहां पर फ्लू से प्रभावित लोगों की संख्या उसके मुकाबल काफी कम रहेगी। अगर लोग समझदारी और सहयोग से काम लेंगे तो इसे और कम किया जा सकता है।