पाकिस्तान को दो महीने की मोहलत
रूस के औद्योगिक शहर येकतरिनबर्ग में जरदारी के साथ हुई मुलाकात के विवरणों का खुलासा करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने जरदारी से कहा है कि भारत पाकिस्तान से इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में ठीक उसी तरह का समर्पण और नेकनीयती चाहता है, जिस तरह वह देश के उत्तर पश्चिम हिस्से में तालिबान और अलकायदा के खिलाफ कार्रवाई में दिखा रहा है।
जवाब के इंतजार में भारत
छह देशों वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के बाद बुधवार को स्वदेश लौटते हुए अपने विशेष विमान में पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक के नतीजों का वह इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा, "विदेश सचिवों की बैठक का उद्देश्य यह जानना है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है या फिर क्या करने की उसकी योजना है।" सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विदेश सचिवों की बैठक का नतीजा क्या रहेगा इसका मैं पूर्वानुमान नहीं लगा सकता।
जरदारी ने माना नहीं हुई उचित कार्रवाई
मनमोहन सिंह ने कहा, "जरदारी ने मुझे अपनी समस्याएं बताईं जिनका वह सामना कर रहे हैं। मैंने उन्हें बताया कि क्यों पाकिस्तान ने तालिबान और अलकायदा के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। हम ऐसा महसूस करते हैं कि भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।"
दूसरी ओर पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राष्ट्रपति जरदारी की रूस में हुई मुलाकात को सकारात्मक बताया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।