'मैनहट्टन-मुंबई और बोस्टन-बैंगलुरू के रिश्तों का अनुकरण करे भारत अमेरिका'
वाशिंगटन, 18 जून (आईएएनएस)। अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अमेरिका और भारत को चाहिए कि वे अपने आधिकारिक रिश्तों को दोनों देशों के नागरिकों के बीच मैनहट्टन-मुंबई व बोस्टन-बैंगलुरू में बढ़ते ताल्लुकात और आर्थिक संबंधों की तर्ज पर प्रगाढ़ बनाए।
बुधवार को यहां आयोजित अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) सहयोग शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्लिंटन ने कहा, "हमें अब यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भारत और अमेरिका की राजधानियों के बीच भी वैसे ही संबंध होने चाहिए जैसा कि मैनहट्टन-मुंबई या बोस्टन-बैंगलुरू के बीच है।"
क्लिंटन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 43 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दोनों मुल्कों के बीच व्यापार वर्ष 2004 से दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 90,000 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
क्लिंटन ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों के बीच ऐसा द्विपक्षीय सहयोग होने चाहिए, जिससे उनके नागरिकों के बीच रिश्ते और आर्थिक सहयोग बढ़ सके। उन्होंने कहा कि गत वर्षो में दोनों मुल्कों की सरकारों ने आपसी सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा हमारे नागरिकों, कंपनियों और शिक्षण संस्थानों ने जैसे सुदृढ़ संबंध विकसित किए हैं ठीक वैसे ही कदम उठाने के लिए हम अब तैयार हो रहे हैं।
क्लिंटन ने कहा कि हमारे नीति-निर्धारकों ने दोनों मुल्कों के बीच संबंध बढ़ाने के लिए जो भी कदम उठाए उससे पहले ही हमारे वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, विश्वविद्यालयों और दोनों देशों के नागरिकों के बीच पनपे व्यक्तिगत संबंधों ने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया कि आपसी सहयोग से ही हम विकास के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं।
क्लिंटन ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है। हम इसे गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की तरह स्वीकार करते हैं।" उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका के नए व्यापार प्रतिनिधि रोनाल्ड और भारत के नए वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा दोहा दौरे की वार्ता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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