देश का हिस्सा रहे द्वीप को वापस लेने के पक्ष में डीएमके : करूणानिधि
मछुआरों पर हो रहे हमलों की सुरक्षा के मद्देनजर विधायकों द्वारा गुरुवार को उठाई गई मांग पर करूणानिधि ने यह बयान दिया।
उन्होंने कहा कि डीएमके ने कभी भी कछतिवु द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने का समर्थन नहीं किया था। संसद में डीएमके के सदस्यों ने कई बार इसका विरोध किया और सदन का बहिष्कार भी किया।
उल्लेखनीय है कि 1974 में इस द्वीप को श्रीलंका को दे दिया गया था। इसके लिए श्रीलंका के समक्ष यह शर्त रखी गई थी कि भारतीय मछुआरे आसपास के समुद्री जल में मछली मार सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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