मुद्रास्फीति ऋणात्मक स्तर पर पहुंची (लीड-1)
मुद्रास्फीति की दर उससे पिछले हफ्ते 0.13 प्रतिशत थी। इससे पहले सन 1977 में मुद्रास्फीति की दर ऋणात्मक हुई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गैर खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित वस्तुओं तथा ईंधन, बिजली और स्नेहकों के सूचकांक में वृद्धि की वजह से सभी कमोडीटीज का थोक मूल्य सूचकांक 0.04 प्रतिशत बढ़ गया।
प्राथमिक वस्तुओं के सूचकांक में जहां 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं ईंधन और बिजली के सूचकांक में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
11 सप्ताह को खत्म हुए सप्ताह में जारी हुए अंतिम आंकड़ों में कहा गया है कि संशोधित वार्षिक मुद्रास्फीति की दर 0.96 प्रतिशत रही जो कि पहले अस्थायी आंकड़ों के आधार पर 0.26 प्रतिशत बताई गई थी।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष श्रीराम खन्ना ने कहा है, "ऋणात्मक मुद्रास्फीति का अनुमान पहले से था और इसकी वजह कमोडिटीज की सीमित मांग और पर्याप्त आपूर्ति है।"
उनकी यह राय भी थी कि मुद्रास्फीति की दरों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा और इसमें अक्टूबर में त्यौहारों के दौरान ही दोबारा जान पड़ेगी।
नेशनल कौंसिल ऑफ एपलाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च के दलीप कुमार का कहना है कि मुद्रास्फीति के ऋणात्मक होने से खाद्य पदार्थो की जमाखोरी शुरु होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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