भारत ने पाकिस्तान को मध्य जुलाई तक का समय दिया (लीड-1)
प्रधानमंत्री के विशेष विमान से, 17 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ रूस में हुई मुलाकात के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को पाकिस्तान को आतंकवाद की कसौटी पर परखने का फैसला किया। सिंह ने कहा कि भारत विरोधी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वह इस्लामाबाद को कुछ समय देने के लिए तैयार हैं।
रूस के औद्योगिक शहर येकतरिनबर्ग में जरदारी के साथ हुई मुलाकात के विवरणों का खुलासा करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने जरदारी से कहा है कि भारत पाकिस्तान से इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में ठीक उसी तरह का समर्पण और नेकनीयती चाहता है, जिस तरह वह देश के उत्तर पश्चिम हिस्से में तालिबान और अलकायदा के खिलाफ कार्रवाई में दिखा रहा है।
छह देशों वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के बाद बुधवार को स्वदेश लौटते हुए अपने विशेष विमान में पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक के नतीजों का वह इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा, "विदेश सचिवों की बैठक का उद्देश्य यह जानना है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है या फिर क्या करने की उसकी योजना है।"
सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विदेश सचिवों की बैठक का नतीजा क्या रहेगा इसका मैं पूर्वानुमान नहीं लगा सकता।
उन्होंने कहा, "जरदारी ने मुझे अपनी समस्याएं बताईं जिनका वह सामना कर रहे हैं। मैंने उन्हें बताया कि क्यों पाकिस्तान ने तालिबान और अलकायदा के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। हम ऐसा महसूस करते हैं कि भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।"
यह पूछे जाने पर कि 15-16 जुलाई को मिस्र में गैर गठबंधन आंदोलन (एनएएम) के शिखर सम्मेलन के मौके पर जरदारी के साथ होने वाली दोबारा मुलाकात के पहले बातचीत शुरू होने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित की गई है, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने जरदारी से कहा है कि हम ठोस कदम देखना चाहते हैं। अभी काफी समय है। हम स्थिति की समीक्षा करेंगे।"
दूसरी ओर पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राष्ट्रपति जरदारी की रूस में हुई मुलाकात को सकारात्मक बताया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है।
इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने बुधवार को एक निजी चैनल को बताया, "हमारे विचार से बातचीत सशर्त नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हम बगैर बातचीत के एक-दूसरे को नहीं समझ सकते। इसलिए हम बातचीत के परिणाम को उन्मुख और अपरिवर्तनीय बनाना चाहते हैं।"
मुंबई हमले के बाद जरदारी के साथ पहली बार मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा था, "वाकई, मैं आप से मिल कर खुश हूं। लेकिन मेरे पास आपसे कहने के लिए एक छोटा-सा संदेश है कि पाकिस्तानी धरती को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न होने दें।"
इस पर जरदारी थोड़ा-सा घबराए, लेकिन जल्द ही दोनों नेताओं ने अपनी बातचीत शुरू कर दी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।