आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल न होने दे पाक : मनमोहन (लीड-2)
येकतरिनबर्ग, 16 जून (आईएएनएस)। मुंबई हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मंगलवार को हुई पहली उच्चस्तरीय वार्ता में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से दो टूक कहा है कि भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल न होने दे।
रूस के औद्योगिक शहर येकतरिनबर्ग में चल रही छह देशों वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक के दौरान होटल हयात रिजेंसी के सिल्वर रूम में मनमोहन और जरदारी के बीच 40 मिनट की वार्ता हुई।
वार्ता की शुरुआत में मनमोहन ने जरदारी से कहा, "आपसे मिलकर खुशी हुई।" इसके बाद उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ आंतकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान को अपनी धरती का उपयोग नहीं करने देना चाहिए।
मनमोहन ने जरदारी से पाकिस्तान से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस व विश्वसनीय कार्रवाई करने और दोनों देशों के बीच ठप पड़ी द्विपक्षीय वार्ता को बहाल करने के लिए उचित माहौल तैयार करने को कहा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुंबई हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न किए जाने पर भी मनमोहन सिंह ने जरदारी को भारत की निराशा से अवगत कराया।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को यह संकेत भी दिए कि भारत उसके साथ सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने की मंशा रखता है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह तभी संभव है जब तक कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ ठोस व विश्वसनीय कदम नहीं उठाता। इसके बगैर बातचीत की प्रक्रिया का बहाल होना संभव नहीं है।
इससे पहले मनमोहन सिंह और जरदारी का आज दिन में आमना-सामना हुआ। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाए और फोटो भी खिंचवाए।
रूस के अलावा चीन, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गीस्तान और कजाकिस्तान एससीओ के सदस्य हैं। एससीओ की यह पहली बैठक है जिसमें भारत भी शिरकत कर रहा है। भारत के साथ पाकिस्तान, ईरान और मंगोलिया को चार वर्ष पहले पर्यवेक्षक के तौर पर एससीओ में शामिल किया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।