सुखोई-30 पूर्वोत्तर वायु सैनिक अड्डे में शामिल (लीड-1)
रक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार चार बहुउद्देशीय सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों को गुवाहाटी से लगभग 185 किलोमीटर उत्तर स्थित तेजपुर बेस पर तैनात किया गया है। इस बेस पर विमानों की संख्या धीरे-धीरे 18 हो गई है।
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया, "मौसम खराब होने की वजह से सुखोई विमानों ने फ्लाईपास्ट नहीं किया। हालांकि तेजपुर में विमानों और अधिकारियों के स्वागत के लिए एक छोटा सांकेतिक समारोह रखा गया था।"
पूर्वी वायु कमान के कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एस. के. भान ने यहां आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। मीडिया को इस समारोह से दूर रखा गया था।
पिछले कुछ वर्षो से पूर्वोत्तर के इस राज्य, अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से बार-बार हमले किए जाने की घटनाओं के मद्देनजर सुखोई-30एमकेआई विमानों की यहां तैनाती का निर्णय लिया गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार सीमा के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में वर्ष 2008 के दौरान चीनी सैनिकों द्वारा लगभग 270 बार सीमा का उल्लंघन किया गया था।
सुखोई-30 एमकेआई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसका निर्माण रूसी कंपनी सुखोई कार्पोरेशन और भारतीय इकाई हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने मिलकर किया है।
गौरतलब है कि तेजपुर सुखोई-30 एमकेआई का तीसरा वायु ठिकाना होगा। इससे पहले पुणे और बरेली में ही इसके ठिकाने थे।
वायु सेना के पास फिलहाल सुखोई-30 विमानों से लैस पांच स्क्वाड्रन हैं। इनमें से तीन पुणे के पास लोहेगांव में और दो बरेली में स्थित हैं। प्रत्येक स्क्वाड्रन में 18 से 20 विमान होते हैं।
तेजपुर हवाई अड्डे की स्थापना ब्रिटिश रॉयल इंडियन एयरफोर्स ने 1942 में द्वितीय विश्व युद्घ के दौरान की थी। 1959 में इसे वायु सेना का पूर्ण विकसित हवाई अड्डा बना दिया गया। यह भूटान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के बीच स्थित है। स्थापना के समय से ही यह पूर्वोत्तर में सबसे सक्रिय वायु सैनिक हवाई अड्डा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।