निजी चिकित्सकों से किराये पर सेवाएं लेगी उत्तर प्रदेश सरकार
प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदशक आई. एस. श्रीवास्तव ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि राज्य सरकार के इस कदम से जहां चिकित्सकों की कमी पूरी होगी वहीं बदहाल स्थिति में चल रहे राज्य के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सरकारी अस्पताल को जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में सक्षम होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि जुलाई के पहले सप्ताह से सरकार निजी चिकित्सकों की सेवाएं आरंभ कर देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के मुताबिक निजी चिकित्सक प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व सरकारी अस्पतालों को प्रतिदिन या महीने के आधार पर अपनी सेवाएं दे सकेंगे। इसके लिए पारिश्रमिक मापदंड तय कर दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सकों को एक सरकारी अस्पताल में एक दिन सेवा करने के 1,000 रुपये दिये जाएंगे। सरकार के इस कदम के बारे में प्रदेश के सभी 71 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दे दिए गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक राज्य के अधीन चिकित्सा सेवाओं के तहत करीब 12,000 चिकित्सक आते हैं, जिसमें से 5,000 चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हैं।
मालूम हो कि निजी चिकित्सकों को किराये पर लेकर उनकी सेवाएं लेने का फैसला करने से पहले राज्य सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि चिकित्सकों के रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए सरकार जल्द ही मेडिकल कालेज परिसरों से चिकित्सकों की सीधी भर्ती (कैंपस सेलेक्शन) करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।