भाजपा में घमासान, यशवंत सिन्हा का इस्तीफा (राउंडअप)
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी कि वे सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे की आलोचना करने से बचें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राजाथ सिंह, पार्टी मुख्यालय में ऐसे समय में एक विशेष संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जब जशवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, अरुण जेटली और सुधींद्र कुलकर्णी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाया है। भाजपा इस बार आम चुनाव में वर्ष 2004 के 138 सीटों के मुकाबले 116 सीटें ही जीतने में कामयाब हो पाई है।
सिंह ने कहा, "कई नेताओं द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों से ऐसा माहौल पैदा हुआ है जैसे पार्टी नेतृत्व बिखर गया है और वह हार के कारणों का विश्लेषण नहीं कर रहा है। यह सच्चाई से परे है। भाजपा नेतृत्व पूरी तरह एकजुट है।"
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पार्टी के कुछ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से पार्टी के अंदरूनी मामलों पर अपने विचार व्यक्त किए थे, जिससे संकेत मिले की पार्टी में गुटबाजी चल रही है।
यही नहीं आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सिन्हा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
सिन्हा ने रांची में इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं करना चाहता।" लेकिन झारखंड में पार्टी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राजनाथ सिंह को फैक्स कर दिया था।
नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "राजनाथ सिंह ने यशवंत सिन्हा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।"
सिन्हा का इस्तीफा ठीक उस समय नई दिल्ली पहुंचा, जब पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह संवाददाता सम्मेलन के जरिए पार्टी नेताओं को अनुशासन का पाठ सिखा रहे थे।
सिन्हा लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी का पुनर्गठन चाहते हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार पांच पृष्ठों के अपने त्याग पत्र में सिन्हा ने कहा है कि चुनाव में हार की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने यह भी कहा है कि वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को दोबारा लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं बनना चाहिए।
सिन्हा इससे पहले जिन्ना मसले पर भी आडवाणी पर हमला कर चुके हैं।
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सिन्हा झारखंड के हजारीबाग सीट से विजयी घोषित किए गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।