पाकिस्तान में विस्फोटों में तालिबान विरोधी मौलाना सहित 12 की मौत (लीड-3)
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार ये विस्फोट ऐसे समय में हुए हैं जब सुरक्षा बलों ने एक दिन पहले उत्तर पश्चिम क्षेत्र में स्थित सेना के एक स्थानीय कमांडर के आवास पर आतंकियों द्वारा किए गए एक हमले को विफल कर दिया था। इस कार्रवाई में दो हमलावर मारे गए थे और पांच गिरफ्तार कर लिए गए थे।
मौलाना सरफराज अहमद नईमी लाहौर के पूर्वी हिस्से में स्थित जामिया नाईमी मस्जिद से लगे अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। उसी दौरान एक आत्मघाती हमलावर परिसर में प्रवेश किया और खुद को उड़ा दिया।
लाहौर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चौधरी शफीक ने हमले में मौलाना और तीन अन्य लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि हमले में छह अन्य घायल हो गए हैं।
नईमी को उदारवादी मौलाना माना जाता था। वह स्वात घाटी में तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के खुले समर्थकों में से एक थे। अभी तक इस हमले की किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
दूसरा धमाका पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत के नौशेरा में स्थित एक मस्जिद में हुआ, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 100 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में चार सैनिक हैं। घायलों में भी ज्यादातर सैनिक शामिल हैं।
नौशेरा के पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला खान ने कहा कि आत्मघाती हमलावर कार से आया था। यह मस्जिद सेना के आपूर्ति डिपो के समीप स्थित है और यहां सैनिकों और सैन्य अधिकारियों का बराबर आना-जाना लगा रहता है।
एक सुरक्षा विश्लेषक और सेना के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर महमूद शाह ने कहा, "स्वात में सैन्य अभियान शुरू किए जाने के समय सरकार को तालिबान की ओर से कुछ जवाबी हमले का डर था। वह डर सच साबित हुआ है और तालिबान आतंकियों ने उम्मीद से अधिक हमले किए हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।