प्रभाकरन को मौत से पहले दी गई थी यातना ! (लीड-1)
द यूनिवर्सिटी टीचर्स फार ह्यूमन राइट्स (यूटीएचआर) की आईएएनएस को मिली 48 पृष्ठ की रिपोर्ट में उच्च पदस्थ सेना के सूत्रों के हवाले से कहा गया कि प्रकारन को 'सरकार में शामिल एक तमिल नेता और जनरल' की उपस्थिति में यातनाएं दी गई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया यातनाएं संभवत: सेना की 53वीं डिवीजन के मुख्यालय में दिया गया। उल्लेखनीय है कि लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे) को खत्म करने के अभियान में सेना की 53वीं डिवीजन ने ही मोर्चा लिया था।
यूटीएचआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "सेना के कई सूत्रों ने कहा कि प्रभाकरन का छोटा बेटा 12 वर्षीय बालचंद्रन बंदी बनाए जाने के बाद मारा गया। हमारे सूत्रों का कहना है वह अपने पिता की उपस्थिति में मारा गया।"
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ये सूचनाएं पूरी तरह सच हैं, यह अलग बात है कि इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय अधिकारी बचकाने झूठ का सहारा लेकर एक-दूसरे पर टाल रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नो फायर जोन में मौजूद तमाम लिट्टे नेताओं को मार दिया गया।
श्रीलंका सरकार ने 18 मई को लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन के मारे जाने की घोषणा की थी। उसने कहा था कि प्रभाकरन को मुल्लैतिवु जिले में निर्जन समुद्र तट के निकट मारा गया।
प्रभाकरन के शव को स्ट्रेचर पर प्रदर्शित किया गया था और उसके सिर का पिछला हिस्सा उड़ा हुआ था।
कभी प्रभाकरन का विश्वासपात्र रहे और अब श्रीलंका सरकार में मंत्री विनयागामूर्ति मुरलीथरन उर्फ करुणा ने आईएएनएस से कहा कि प्रभाकरन अपने 18 गार्डो के साथ मारा गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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