ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार का आखिरी दिन
राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए गरीबी को, तो उनके प्रतिद्वंद्वी मीर हुसैन मौसावी ने भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था को मुद्दा बनाया है।
67 वर्षीय ने मौसावी ने अहमदीनेजादी की खुलेआम आलोचना की है और उन्हें झूठा करार देते हुए उन पर तेल राजस्व में एक अरब रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया है।
इनके अलावा मेहदी करूबी और मोहसेन रेजाई भी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार है। विजयी प्रत्याशी को 50 प्रतिशत मतों की जरूरत है।
वाशिंगटन स्थित एक संगठन सार्वजनिक नीति संस्थान टेरर फ्री टूमारो ने अपने हाल के सर्वेक्षण में राष्ट्रपति अहमदीनेजाद को 34 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल हुआ जबकि मौसावी के प्रति 14 से 27 प्रतिशत लोगों ने समर्थन जताया।
मौसावी ने युवाओं के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया है ताकि उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। ईरान में इस बार 60 लाख युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। यूं भी ईरान में युवाओं के मतों को निर्णायक माना जाता है। यहां 60 प्रतिशत मतदाता 30 वर्ष से कम आयु के हैं।
समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती ने वाशिंगटन स्थित हेरिटेज फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च फेलो एरिल कोहेन के हवाले से कहा, "अगर मौसावी इस चुनाव में जीतते हैं तो यह बड़ा उलटफेर होगा। "
कोहेन ने सूत्रों के हवाले से कहा, "अहमदीनेजाद न केवल जीतेंगे बल्कि उनकी जीत में छलकपट और धोखाधड़ी का भी योगदान होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।