चीन से लगी सीमा पर सैनिक उपस्थिति बढ़ा रहा है भारत (लीड-1)
इसके अलावा भारत को मिला पहला अवाक्स विमान (एयरबोर्न वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) भी चीनी क्षेत्र के भीतर सेनाओं और वायुयानों के बारे में जानकारी हासिल करने की भारत की क्षमता को बढ़ाएगा।
एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि अब तक भारत की रक्षा तैयारी पाकिस्तान को केंद्र में रखकर थी। परंतु ल्हासा तक रेल लाइन के निर्माण से सैनिकों और रक्षा उपकरणों के तेजी से सीमा तक पहुंचाने की चीन की क्षमता के कारण यह अहसास बढ़ रहा है कि चीन की अनदेखी नहीं की जा सकती।
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल सेवानिवृत्त जनरल जे.जे.सिंह ने कहा कि चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारत हवाई पट्टियों सहित आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ ही और अधिक सैनिकों को तैनात करेगा।
पूर्व थल सेनाध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने की भारत की क्षमता के विकास के लिए भारत-चीन सीमा पर अधिक सेना की तैनाती आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा पर दो डिविजनों को तैनात किया जाएगा। प्रत्येक डिविजन में तोपखाना, चिकित्सा, सिग्नल्स और इंजीनियरिंगकोर सहित करीब 25 से 30 हजार जवान होते हैं।
सिंह ने कहा कि अगले कुछ वर्षो में सड़कों और अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास सहित इस कार्रवाई को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा।
रक्षा अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चीन सीमा से लगे संवेदनशील इलाकों में संसाधन बढ़ाने की रणनीति के तहत अगले सप्ताह तक अग्रणी लड़ाकू विमान सुखोई30-एमकेआई के एक स्क्वोड्रान की तैनाती असम के तेजपुर में संपन्न हो जाएगी।
तेजपुर में सुखोई-30एमकेआई विमानों के बेड़े की तैनाती के बाद भारतीय वायुसेना एक अन्य स्क्वोड्रान चाबुआ में भी तैनात करने वाली है। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह आईएएनएस को यह जानकारी दी थी।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि चार सुखोई लड़ाकू विमान 15 जून तक तेजपुर स्थित वायुसैनिक अड्डे पर पहुंच जाएंगे।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल आर.कालिया ने आईएएनएस को बताया,"चार सुखोई 30 एमकेआई पहले आएंगे और उसके शीघ्र बाद 18 विमानों का संपूर्ण स्क्वोड्रान पहुंच जाएगा।"
पिछले कुछ वर्षो में अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2008 में भारत के पश्चिमी,मध्य और पूर्वी इलाके में चीन द्वारा सीमा उल्लंघन के 270 मामले हुए हैं। इस वर्ष अभी तक ऐसी 60 घटनाएं हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश के साथ चीन की 1,030 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।