मनमोहन सिंह को 7 प्रतिशत की विकास दर का भरोसा
संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा,"पिछले वर्ष हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई और हमारी वृद्धि दर गिरकर सात प्रतिशत के करीब है।"
अपने 45 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा,"मैं आपसे वादा नहीं करता कि हम अंतर्राष्ट्रीय स्थितियों से प्रभावित नहीं होंगे लेकिन हम 8-9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में सक्षम होंगे। उस समय भी, जब दुनिया की विकास दर कम होगी।"
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत सात प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने में सक्षम होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके आशावाद के पीछे भारत की बचत दर का अभी भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 35 प्रतिशत बने रहना है। इस धन को विकास परियोजनाओं के लिए लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी इस मुद्दे को आगामी बजट में देखेंगे।
मनमोहन सिंह ने पहले घोषित राहत पैकेजों और आने वाले दिनों में अपनाए जाने वाले उपायों से महंगाई बढ़ने की आशंकाओं को समाप्त करने का प्रयास करते हुए कहा कि आधारभूत संरचना पर खर्च से महंगाई नहीं बढ़ेगी,इससे हमारी अर्थव्यवस्था विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार, राष्ट्रपति के संबोधन में दिए गए एजेंडे पर चलने और प्रमुख कार्यक्रमों को भविष्य में और मजबूत बनाने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति के संयुक्त संबोधन पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव कांग्रेस की गिरिजा व्यास ने रखा और पी.सी.चाको ने उसका समर्थन किया। लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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