भारत छोड़ रहीं पश्चिमी कंपनिया
इनमें सिटीग्रुप, बीमा कंपनी एएक्सए एसए और अवीवा सहित अन्य कई नाम शामिल हैं जो अपने कार्यालय बेचकर यहां से व्यवसाय समेट रही हैं। कंपनियां अपने भवनों के साथ ही उनमें लगे उपकरण भी लाखों डॉलर में बेच रही हैं। इसके अलावा वे अपने खरिदारों को कई वर्ष तक कुछ सेवाएं प्रदान करने का भी ठेका दे रही हैं।
सिटीग्रुप ने अक्टूबर में अपनी भारत स्थित इंफारमेशन टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिग कंपनी को टाटा कंस्लटेंसी सर्विस (टीसीएस) से 50.5 करोड़ डॉलर में बेच दी और उससे नौ वर्षो तक सेवा हासिल करने के लिए 2.5 अरब डॉलर का करार किया।
दो महीने बाद सिटीग्रुप ने अपनी बीपीओ इकाई विप्रो को 12.7 करोड़ डॉलर में बेच दी और छह वर्ष तक उसकी सेवा के लिए 50 करोड़ डॉलर का सौदा किया। मई के अंत में आउटसोर्सिग कंपनी कैपिटा ने एएक्सए के 600 भारतीय कर्मचारियों को लेने के बदले 52.3 करोड़ डॉलर का सौदा किया।
भारत में पेशेवरों का वेतन अमेरिका की तुलना में काफी कम होने के कारण ही इन कंपनियों ने भारत का रुख किया था, लेकिन अब इनमें वापस जाने की होड़ लगी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।