बिजली स्टाक एक्सचेंज स्थापित करना चाहते हैं पूर्वोत्तर के राज्य
ऊर्जा की कमी के संकट से जूझ रहे सातों पूर्वोत्तर राज्यों के ऊर्जा मंत्री बिजली स्टाक एक्सचेंज की स्थापना और ऊर्जा बाजार की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए इस समय एक सप्ताह के नार्वे दौरे पर हैं।
रविवार को ओस्लो रवाना होने से पहले देव ने आईएएनएस को टेलीफोन पर बताया, "हम नार्वे में ऊर्जा स्टाक एक्सचेंज ,ऊर्जा बाजार व्यवस्था, एकीकृत ग्रिड संचालन और ऊर्जा के प्रभावी उपयोग के तरीकों का अध्ययन करेंगे।"
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के दौरे के बाद तकनीकी चीजों को अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ अधिकारी नार्वे जाएंगे।
नार्वे दुनिया का छठां सबसे अधिक जल विद्युत उत्पादन करने वाला देश है और वहां प्रति व्यक्ति जल विद्युत उत्पादन सर्वाधिक है। जिस 'नार्ड पोल' ऊर्जा स्टाक एक्सचेंज में पूर्वोत्तर के राज्यों की रुचि है वह नार्वे,स्वीडन,डेनमार्क और फिनलैंड का एकल ऊर्जा बाजार है।
मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व असम के ऊर्जा मंत्री प्रदुप्त बोरदोलोई कर रहे हैं, जो पूर्वोत्तर क्षेत्रीय ऊर्जा समिति के भी अध्यक्ष हैं। यह संस्था क्षेत्र में ऊर्जा संबंधी नीति बनाने के लिए उत्तरदायी है।
सार्वजनिक क्षेत्र के पूर्वोत्तर बिजली निगम ने कहा कि क्षेत्र में 59,000 मेगावॉट जल विद्युत और देश की 40 प्रतिशत जल विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है। परंतु क्षेत्र के दुर्गम होने, पर्यावरण की खराब स्थितियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।