तालिबान के खिलाफ लामबंद हुए पाकिस्तान के ग्रामीण (राउंडअप)
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक ग्रामीणों की यह सेना दूरवर्ती हयागई गांव में सक्रिय हुई है। इसी गांव में शुक्रवार को अपराह्न् की नमाज शुरू होने के कुछ मिनट पहले एक मस्जिद पर किए गए आत्मघाती हमले में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई थी।
जियो टीवी ने खबर दी है कि हयागई के सशस्त्र ग्रामीणों ने मस्जिद पर किए गए हमले का बदला लेने के लिए पास के डूग डारा में तालिबान के कब्जे वाले छह गांवों पर धावा बोल दिया।
जियो टीवी ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा है कि ग्रामीणों ने हमले के दौरान कुछ विदेशियों सहित 13 आतंकियों को मार गिराया है।
स्थानीय तौर पर विदेशी शब्द का इस्तेमाल आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े अरब और मध्य एशियाई आतंकियों के लिए किया जाता है।
एक अन्य निजी टेलीविजन चैनल आज ने हमले में मरने वालों की संख्या 11 बताई है। चैनल ने यह भी कहा है कि ग्रामीणों के इस हमले को सुरक्षा बलों का समर्थन प्राप्त था।
मरने वालों की सही संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
समाचार पत्र द न्यूज ने रविवार को लिखा है कि ग्रामीणों की सेना हमले के दौरान नारा लगा रही थी कि पाकिस्तान अब जाग उठा है।
हमले के दौरान आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आधा दर्जन घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
हयागई में एक कबायली बुजुर्ग ने द न्यूज को बताया, "हम तालिबान आतंकियों को यहां आतंकवाद फैलाने की इजाजत देने को तैयार नहीं हैं।"
पाकिस्तान द्वारा स्वात घाटी से आतंकियों को खदेड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान ने आतंक विरोधी ताकतों को तालिबान के खिलाफ उठ खड़ा होने के लिए प्रोत्साहित किया है।
सेना की ओर से रविवार को कहा गया कि सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों के दौरान मलकंद डिवीजन के विभिन्न इलाकों में चार आतंकियों को मार गिराया है।
सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि तालिबान आतंकियों के साथ मुठभेड़ में तीन सैनिकों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
सेना के अनुसार मौत के ताजा मामलों को मिला दिया जाए तो तालिबान के खिलाफ अप्रैल से शुरू किए गए अभियान में अब तक 1,300 तालिबान आतंकियों व 108 सैनिकों की मौत हो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।