सूफी मुहम्मद का खास सहयोगी मारा गया (लीड-1)
इस बीच पाकिस्तानी सेना ने सूफी मोहम्मद की गिरफ्तारी से इनकार किया है और अब सेना कह रही है कि सूफी मोहम्मद उसकी हिरासत में नहीं है।
सेना ने कहा कि तालिबान समर्थित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए- निफज शरियत मुहम्मदी (टीएनएसएम) का उप प्रमुख मौलाना मुहम्मद आलम और उसका प्रवक्ता अमीर इज्जत आतंकवादियों और सैनिकों के बीच गोलीबारी में मारे गए। सूफी इस संगठन का मुखिया है।
'इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस' (आईएसपीआर) की ओर से कहा गया है कि इन दोनों को पेशावर ले जाया जा रहा था तभी आतंकवादियों ने इन्हें मुक्त कराने की कोशिश में सेना के काफिले पर हमला कर दिया।
इस पर दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी हुई जिसमें सेना के एक अधिकारी की मौत हो गई और पांच जवान घायल हो गए। मरने वालों में आलम और अमीर भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि आलम और अमीर समेत पांच लोगों को गुरुवार को निचले दीर इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में सूफी मोहम्मद भी शामिल है। लेकिन शनिवार को सेना ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
आईएसपीआर के प्रमुख मेजर जनरल अतहर अब्बास ने संवाददाताओं से कहा, "सूफी मोहम्मद हमारे कब्जे में नहीं है।" सूफी मोहम्मद फिलहाल कहां है इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
मौलाना सूफी मोहम्मद ने पिछले फरवरी माह में तालिबान और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत की सरकार के बीच आतंकवाद के खात्मे के लिए शांति समझौते की मध्यस्थता की थी। इसके एवज में सरकार इस्लामिक अदालत के गठन पर सहमत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि स्वात तालिबान का प्रमुख मौलाना फजलुल्लाह शांति समझौते की मध्यस्थता करने वाले सूफी मोहम्मद का दामाद है।
पाकिस्तान सरकार ने समझौते को रद्द करते हुए 26 अप्रैल को स्वात में तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान की घोषणा की थी।
सेना के अनुसार अब तक 1305 तालिबानी मारे जा चुके हैं और 120 को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभियान में सेना के 105 जवानों की मौत हुई है और करीब इतने ही घायल हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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