आडवाणी की मांगों को सरकार ने किया खारिज (लीड-2)
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने आडवाणी की मांगों को खारिज करते हुए उनकी मांगों पर आश्चर्य भी व्यक्त किया। चिदम्बरम ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मुंबई हमलों की जांच के लिए कोई आयोग बनाए जाने की जरूरत है। उनकी इस मांग से मुझे आश्चर्य हुआ है।"
उन्होंने सवाल पूछने के अंदाज में कहा, "मैं विपक्ष से यह जानना चाहूंगा कि कंधार अपहरण कांड और संसद पर हुए हमले के लिए भी क्या तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने कोई जांच आयोग का गठन किया था।"
इससे पहले राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल द्वारा गुरुवार को 15वीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान दिए गए अभिभाषण पर शुरू हुई बहस में हिस्सा लेते हुए आडवाणी ने सरकार के सामने कुछ मांगें रखी।
उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि 26/11 का मुंबई हमला देश के खिलाफ छद्म युद्ध था। इसके मास्टरमाइंड हाफिज सईद को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। इसलिए हम चाहते हैं कि इस संबंध में पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे गए हैं, उन्हें संसद में पेश किया जाना चाहिए।"
आडवाणी ने मुंबई हमलों की जांच के लिए एक आयोग के गठन की भी मांग की। उन्होंने कहा, "मुंबई हमले के दौरान हुई सुरक्षा खामियों के संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित आर. डी. प्रधान समिति ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। यह बहुत गंभीर है। इसलिए इस मामले की जांच के लिए अलग से एक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "चुनाव में जो जनादेश मिला है कि वह स्थायित्व के लिए है। स्थायित्व सुशासन, विकास और सुरक्षा के लिए है।"
लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को मिली शानदार जीत के लिए आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी को बधाई दी।
उन्होंने कहा, "डा. मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनने पर मैं उन्हें बधाई देता हूं। सोनिया गांधी और प्रणब मुखर्जी को भी मैं बधाई देता हूं।"
आडवाणी ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह करता रहेगा।
उन्होंने कहा, "सरकार अपना कर्तव्य निभाए और मेरी पार्टी तथा राजग अपना कर्तव्य निभाएगा।"
आडवाणी ने कहा, "हम विपक्ष में हैं और हमारी संख्या घटकर 116 हो गई है लेकिन इसे कम नहीं आंका जा सकता। सत्तापक्ष और विपक्ष के संबंधों को को एक आयाम देने की शुरूआत होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि हम संबंधों को एक नया आयाम देकर विकास के लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। दोनों पक्षों का उद्देश्य भी यही होना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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