नेपाल में फिर राजनीतिक संकट, एमजेएफ ने सरकार से समर्थन वापस लिया (लीड-1)
माधव मंत्रिपरिषद में आठ नए सदस्यों को शामिल किए जाने के 24 घंटों के भीतर ही माधव सरकार के समक्ष यह नया संकट आ खड़ा हुआ है।
सरकार में शामिल होने को लेकर एमजेएफ में मतभेद उभर कर सतह पर आ गए हैं। यह मतभेद इस कदर गहरा गए हैं कि उसने अपनी पार्टी के संसदीय दल के प्रमुख बिजय कुमार गच्छेदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। एमजेएफ ने एक और मंत्री व छह अन्य बागी नेताओं को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में पार्टी से निष्कासित किया है।
पूर्व विदेश मंत्री और एमजेएफ के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने कहा, "नई सरकार असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। माधव कुमार की सरकार मधेशियों के खिलाफ षडयंत्र कर रही है और वह हमारी पार्टी को तोड़ने में लगी है। हम सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हैं। हम विपक्ष में बैठेंगे।"
उल्लेखनीय है कि माधव सरकार को समर्थन दे रहे राजनीतिक दलों में एमजेएफ चौथी सबसे बड़ी पार्टी है। उसके 53 प्रतिनिधि चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। नई सरकार के गठन में एमजेएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बहरहाल, सरकार को समर्थन देने के मसले पर एमजेएफ पूरी तरह बंटी नजर आ रही है। इसका एक धड़ा (गच्छेदार) सरकार को समर्थन देने के पक्ष में तो दूसरा (यादव) विरोध में है। यादव ने हालांकि दावा किया कि पार्टी के अधिकांश सांसदों का उन्हें समर्थन प्राप्त है।
एमजेएफ में ही नहीं बल्कि सरकार को समर्थन दे रहे अन्य राजनीतिक दलों में भी मतभेद देखे जा सकते हैं जो कि माधव सरकार के लिए खतरे की घंटी है। पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला की बेटी सुजाता कोइराला को विदेश मंत्री बनाए जाने से नेपाली कांग्रेस में भी मतभेद उभर कर सामने आए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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