ओबामा के भाषण पर मुस्लिम उत्साहित, यहूदियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
वाशिंगटन, 5 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा गुरुवार को काहिरा में दिए गए भाषण पर जहां अमेरिका के मुस्लिम समुदाय ने उत्साहजनक राय प्रकट की है तो वहीं यहूदी समुदाय की प्रतिक्रिया मिली-जुली है।
वाशिंगटन स्थित मुस्लिम संगठन 'काउंसिल ऑफ अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस' (सीएआईआर) ने ओबामा के भाषण की समीक्षा के लिए इसका प्रसारण देखने की व्यवस्था की थी। इस दौरान स्थानीय मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने ओबामा के भाषण को बतौर दर्शक देखा।
स्थानीय समाचार पत्र 'वाशिंगटन पोस्ट' के साथ बातचीत में सीएआईआर के प्रवक्ता इब्राहीम हूपर ने कहा, "भाषण पर लोगों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। लोगो को लगा कि वे अमेरिकी नीति को एक नई दिशा में देख रहे हैं जिसमें मुस्लिम जगत खासकर इजरायल-फिलीस्तीन मसले को लेकर बदलाव है।"
अरब अमेरिकी संस्थान के अध्यक्ष जेम्स जोग्बी का कहना है कि भाषण के दायरे में कई क्षेत्रों की समस्याएं एक साथ समाहित थीं इसलिए इसे सराहनीय कहा जाएगा। हालांकि जोग्बी का यह भी कहना है कि भाषण के विस्तृत होने के कारण इसके संदेश को हर किसी के लिए समझ पाना कठिन था।
समाचार चैनल 'सीएनएन' का कहना है कि मुस्लिम जगत के साथ नई शुरुआत करने का आह्वान वाले ओबामा के इस भाषण पर अमेरिकी यहूदियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्ति की है।
'कांफ्रेंस ऑफ प्रेसीडेंट्स ऑफ मेजर अमेरिकन ज्यूइस ' के कार्यकारी उप प्रमुख मैलकम होएंलेन इस बात से खुश हैं कि भाषण में ईरानी मुद्दे और इजरायल-फिलिस्तीन विवाद को नहीं जोड़ा गया। परंतु उनका कहना है कि ओबामा ने ईरान के परमाणु हथियार से संपन्न होने पर उससे पैदा होने वाले खतरे के बारे में कड़ा संदेश नहीं दिया।
यहूदियों से जुड़े एक अन्य संगठन 'अमेरिकन ज्यूइस कमेटी' ने इस भाषण का स्वागत किया है और ओबामा द्वारा इजरायल के आधिकारिक अस्तित्व की बात करने को सराहनीय बताया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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