10वीं पास करने में लगे 17 साल
सबैदुल को 600 अंकों के पूर्णाक में से कुल 371 अंक हासिल हुए। राज्य बोर्ड की 10 वीं कक्षा का परिणाम गुरुवार को घोषित हुआ।
मुर्शीदाबाद में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सबैदुल सबसे पहले 1992 में बोर्ड की परीक्षा में बैठने के लिए स्कूल की आंतरिक परीक्षा में नाकाम रहे थे। 1993 और 94 में अनुत्तीर्ण होने के बाद वह अगले साल परीक्षा में नहीं बैठे।
अधिकारी ने बताया, "1996 से 98 के बीच सबैदुल लगातार तीन बार अनुत्तीर्ण हुए। 1996 में पिता के निधन के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और खेतीबाड़ी करने लगे। वर्ष 2004 में उन्होंने आठवीं कक्षा में प्रवेश लिया और 10वीं की परीक्षा की तैयारी शुरू की।"
वह वर्ष 2007 में भी इस परीक्षा में बैठे लेकिन एक बार फिर नाकामी ही हाथ लगी। वर्ष 2008 में वह दो विषयों में नाकाम रहे। उत्तीर्ण हुए सबैदुल ने कहा, "मुझे गणित में कोई रुचि नहीं थी और मेरी लिखाई भी बहुत खराब थी लेकिन मुझे उत्तीर्ण होना ही था इसलिए मैंने गणित और शारीरिक विज्ञान का अभ्यास शुरू कर दिया।" इस वर्ष आखिरकाम उन्हें कामयाबी मिली।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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