मीरा कुमार के लोकसभाध्यक्ष बनते ही तेज हुई महिला आरक्षण की मांग
मीरा कुमार के लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें बधाई देते हुए कमोबेश सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने महिला आरक्षण की बात उठाई। अधिकांश ने इसका समर्थन किया। कुछ विरोध करने वाले भी थे। शिवसेना ने इसका मुखर विरोध किया। लोकसभा में पार्टी के नेता चंद्रकांत खरे ने कहा, "उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में नहीं है लेकिन जब यह विधेयक आएगा तब देखेंगे।"
समाजवादी पार्टी (सपा) ने सदन के अंदर तो इस बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन सदन से बाहर संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक मौजूदा स्वरूप में उनकी पार्टी को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर उनकी जो राय पहले थी वह आज भी है।
उन्होंने कहा, "क्या सोनिया गांधी आरक्षण के चलते देश की नेता बनी हैं या फिर मीरा कुमार आरक्षण के चलते आज स्पीकर बनी हैं।"
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने लोकसभा में अपने बधाई भाषण में कहा, "महिलाओं को संसद में अभी तक 33 फीसदी आरक्षण नहीं मिला है लेकिन मीरा कुमार के लोकसभा अध्यक्ष बन जाने के साथ मुझे लग रहा है कि संसद में महिलाओं को सौ फीसदी प्रतिनिधित्व मिल गया है।"
मीरा कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "इस बारे में तो राजनीतिक दलों को आपस में सहमति बनानी पड़ेगी। नई लोकसभा की शुरुआत हुई है। मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी पार्टियां इस बहुप्रतीक्षित विधेयक पर आमसहमति बनाएगी।"
यह पूछे जाने पर कि महिला आरक्षण पर राजनीतिक दलों में आमसहमति बनाने के लिए क्या वह अपनी ओर से पहल करेंगी तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, "मेरी हार्दिक इच्छा है कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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