बेनजीर की हत्या के लिए मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चले : पीएमएल-एन
इस्लामाबाद, 3 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग फिर उठने लगी है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज(पीएमएल-एन) के प्रवक्ता मुहम्मद सिद्दिकी फारुक ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी)और उसकी सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तानी दंड संहिता की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करे।"
फारुक ने अक्टूबर 2007 में स्वदेश लौटने से ऐन पहले बेनजीर द्वारा सीएनएन को दिए गए साक्षात्कार का हवाला जिसमें उन्होंने कहा था, "यदि मेरे साथ कुछ हुआ तो उसके लिए मैं परवेज मुशर्रफ को जिम्मेदार ठहराऊंगी।"
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने जनवरी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उक्त साक्षात्कार को उनकी पत्नी का मृत्यू पूर्व दिया गया बयान समझा जाना चाहिए।
बेनजीर की हत्या दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में हुई थी। हादसे के फौरन बाद घटनास्थल धुलवा दिए जाने से अहम सुराग नष्ट हो गए। इसी वजह से पाकिस्तानी जांच एजेंसियों और स्कॉटलैंड यार्ड की पड़ताल किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से जांच में मदद मांगी है, जिसे उसने मंजूर कर लिया है। पाकिस्तान में तालिबानी सरगना बेतुल्लाह महसूद को इस हत्या का मुख्य आरोपी माना जाता है।
मुशर्रफ इस समय व्याख्यान दौरों पर हैं और देश में सुरक्षा संबंधी अनिश्चितता और तालिबान तथा अन्य आतंकवादी संगठनों से जान को खतरा होने की वजह से उनके जल्द स्वदेश लौटने के आसार नहीं हैं।
इसके अलावा संविधान के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में मुशर्रफ पर राजद्रोह का मुकदमा भी चल सकता है। ऐसे संकेत संसदीय मामलों के मंत्री बाबर अवां ने अप्रैल में दिए थे। अवां ने कहा था कि संविधान को नुकसान पहुंचाने या निलंबित करने का दोषी पाए जाने वाले शख्स को मृत्युदंड दिया जा सकता है।
मार्च में उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक याचिका में मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था। न्यायालय ने इस पर अभी फैसला नहीं सुनाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।