नस्लीय अपराधों के खिलाफ आस्ट्रेलियाई प्रांत में कड़ा कानून
अटार्नी-जनरल रॉब हल्स द्वारा पेश योजना के अनुसार न्यायाधीशों को अपराधियों को दंड देने के प्रमुख कारण के रूप में "लोगों के एक विशेष समूह के खिलाफ घृणा या हिंसा" को ध्यान में रखना होगा।
समाचार पत्र 'द एज' ने मंगलवार को कहा कि पीड़ितों के साथ अपराध के नस्ल,धर्म या लिंग आधारित होने पर कड़ा दंड लागू होगा।
राज्य सरकार भारतीय छात्रों, समलैंगिकों और अन्य समूहों के खिलाफ हिंसा रोकने का प्रयास कर रही है।
चीन के छात्रों के बाद भारतीय छात्रों की संख्या आस्ट्रेलिया में सबसे अधिक है।
अखबार के अनुसार संबंधित मंत्री लंबी अवधि में 'घृणा से जुड़े अपराधों' को एक नए अपराध की श्रेणी में शामिल करने पर भी विचार कर सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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