नेपाल में सरकार गठन में विलंब से भारत चिंतित

By Staff
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काठमांडू घाटी में बंद के आह्वान के बावजूद नेपाल में भारतीय राजदूत राकेश सूद पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला से भेंट करने पहुंचे और रुकी हुई शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में नई दिल्ली के सहयोग का प्रस्ताव दिया।

नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी (यूएमएल) के नेता और नए प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल अभी तक अपने तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। मंत्रिमंडल में केवल उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व है। कोइराला की पार्टी को अभी तक अपने मंत्रियों का नाम देना बाकी है। यद्यपि नेपाली कांग्रेस ने मंत्रियों के नाम तय करने का अधिकार कोइराला को दे दिया है।

मधेशी जनाधिकार फोरम के दो धड़े भी मंत्री पदों को लेकर भिड़े हुए हैं। यहां तक कि यूएमएल में भी अन्य मंत्रियों के नाम पर सहमति नहीं बनी है।

माधव कुमार नेपाल को संयुक्त रूप से नया प्रधानमंत्री चुनने वाले 22 दलों की मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में सोमवार को एक बैठक होने वाली थी लेकिन बंद के कारण उसे स्थगित कर दिया गया।

भारत की चिंता इस बात को लेकर भी है कि पिछले महीने सत्ता से बेदखल होने वाले माओवादियों ने अंतरिम संसद का कामकाज बाधित कर रखा है।

वे प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' द्वारा बर्खास्त सेना अध्यक्ष को बहाल करने के राष्ट्रपति रामबरन यादव के निर्णय पर बहस कराने की मांग कर रहे हैं। माओवादियों ने धमकी दी है कि यदि उनकी यह मांग नहीं मानी गई तो वे बुधवार से राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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