जमात-उद-दावा का संबंध अलकायदा से, अदालत में दस्तावेज पेश
जियो टीवी के अनुसार बंद कमरे में हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता लतीफ खोसा ने शनिवार को अदालत से कहा, "जमात-उद-दावा का संबंध अलकायदा से है और बताया जाता है कि मुंबई हमले के एक आरोपी का भी संबंध जमात-उद-दावा से है।"
सईद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। भारत ने इस संगठन पर मुंबई हमले करवाने का आरोप लगाया है।
भारत में 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद लश्कर ने अपना नाम बदलकर जमात-उद-दावा कर लिया था।
मुंबई हमले में एकमात्र जीवित गिरफ्तार किए गए आतंकवादी अजमल आमिर कसाब ने स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तानी नागरिक है और उसे मुंबई हमले के लिए लश्कर ने प्रशिक्षित किया था।
जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक खोसा ने अदालत को बताया कि चूंकि ये दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं इसीलिए वे इसे बंद कमरे में सुनवाई के दौरान पेश कर रहे हैं। न्यायिक सूत्रों के अनुसार अदालत इन दस्तावेजों पर विचार कर रही है।
इस बीच पंजाब की प्रांतीय सरकार ने भी हाफिज सईद से जुड़े गुप्त दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किए हैं। जमात के नेताओं ने अपनी नजरबंदी को चुनौती दी है जिस पर अदालत सुनवाई कर रही है।
सईद के वकील ए.के.डोगर ने कहा कि दस्तावेज खुली अदालत में सईद की उपस्थिति में सुनवाई के दौरान पेश किए जाने चाहिए थे। अदालत ने इस पर बिना कोई आदेश जारी किए सोमवार तक मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
सईद पिछले दिसंबर से हिरासत में है जब संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर के प्रमुख संगठन जमात को आतंकवादी संगठन करार दिया था। संयुक्त राष्ट्र की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने जमात के करीब 40 सदस्यों को गिरफ्तार किया था और करीब दर्जन भर कार्यालय बंद कर दिए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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