बिहार: 'प्रेस्टीज इश्यू' बनी फतुहा सीट
जदयू विधायक सरयुग पासवान की मौत के बाद इस सीट पर चुनाव होना है। जदयू ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी अरुण मांझी को खड़ा किया है। दिवंगत पासवान की विधवा टिकट न मिलने से नाराज होकर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
लालू ने मोर्चा खोला
राजद-लोजपा गठबंधन की ओर से पुनित राय चुनाव लड़ रहे हैं। पुनीत लोजपा उम्मीदवार हैं। लालू-रामविलास
अपने खोये जनाधार पाने के लिए छटपटा रहे हैं। फतुहा में आयोजित एक चुनावी सभा में लालू प्रसाद ने कहा कि अब वे गांवों में जाएंगे। लोगों की समस्याऒं को सुनेंगे और उसका निबटारा करेंगे। यानी वे इस बात को मानते हैं कि इससे पहले उनसे चूक हुई है?
भले ही इस बात को वे खुले शब्दों में न स्वीकार करें। फतुहा सीट दोनों नेताऒं के लिए 'प्रेस्टीज इस्यू' बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आश्वस्त हैं कि यह सीट जदयू के पाले में जाएगी। प्रचार किया है।
कांग्रेस
से
भय
लालू
गांवों
में
जाकर
ग्रामीणों
से
तक
से
भेंट
की।
उन्हें
आश्वस्त
भी
किया
कि
वे
उनके
सबसे
बड़े
हमदर्द
हैं।
दोनों
नेताओं
को
कांग्रेस
से
भी
भय
है।
पहली
बार
कांग्रेस
ने
इस
सीट
पर
अपने
प्रत्याशी
खड़े
किये
हैं।
कांग्रेस सवर्ण वोट यदि काटती है तो जदयू के पाले में यह सीट जाना तय है। कांग्रेस की भूमिका 'वोटकटवा' रूप में देखी जा रही है। इधर, जीत के प्रति आश्वस्त होने के बाद भी जदयू कोई रिस्क लेना नहीं चाहता है। वह किसी भी कीमत पर बिहार में राजद-लोजपा के पांव मजबूत नहीं होने देना चाहता है।