डीएमके में अलग-थलग पड़े बालू
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "मंत्री पद के लिए उम्मीदवारों के नामों पर हुई चर्चा में बालू के नाम तक का जिक्र नहीं हुआ। न तो डीएमके में ही और न ही करूणानिधि के परिवार का कोई सदस्य बालू को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में है।"
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बालू और ए. राजा को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे। इसलिए बालू को मंत्री न बनाए जाने पर तो करूणानिधि राजी हो गए लेकिन राजा के नाम पर वह अड़ गए। राजा को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में करूणानिधि की तीसरी पत्नी रजती और बेटी कनीमोझी भी थी।
डीएमके सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट में डीएमके की ओर से दयानिधि मारन, ए. राजा और मुख्यमंत्री के पुत्र एम. के. अझागिरी को शामिल करने पर सहमति हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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