अंत्योदय योजना घोटाले में 19 को सजा
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वाल्मीकि समाज (दलित) वर्ग के बेरोजगारों के लिए अंत्योदय व्यावसायिक योजना शुरू की थी। इस योजना में 20 हजार रुपए के कर्ज का प्रावधान था जिसमें से 10 हजार रुपये की सब्सिडी थी। इसी के चलते योजना में बड़े पैमाने में गड़बड़ी हुई और योजना के जिम्मेदार लोगों ने मिलकर 35 लाख रुपये का घोटाला किया।
सरकारी वकील भारत सिंह कौरव ने बताया कि वर्ष 1996 से 98 के बीच हितग्राहियों को कर्ज देने में घोटाला हुआ था। इस गड़बड़ी को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ने पकड़ा और मामले को न्यायालय में ले गए।
विशेष न्यायाधीश गिरीवाला सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए 19 लोगों को इस घोटाले में दोषी पाया है और उन्हें तीन-तीन साल की कैद व आठ आठ हजार रुपये का अर्थ दंड दिया है। जिन्हें दोषी पाया गया है उनमें अशोक पांडे (वार्ड अधिकारी), जसवंत शेजवार (तत्कालीन पार्षद), गोविन्द कुमार (शपथ आयुक्त), कप्तान सिंह (योजना समिति अध्यक्ष) प्रमुख हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।