पांच वर्षो बाद ममता की हो रही है मंत्रिपरिषद में वापसी
'दीदी' के नाम से मशहूर 54 वर्षीय ममता बनर्जी इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मंत्री थी। उस सरकार में वह रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं।
वामपंथियों का गढ़ कहे जाने वाले पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कद्दावर नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर संसदीय सीट से पराजित कर ममता ने अपनी संसदीय पारी की धमाकेदार शुरुआत की थी।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में ममती की आंधी ने वामपंथियों का किला लगभग पूरी तरह ढहा दिया। तृणमूल कांग्रेस को 19 सीटों पर सफलता मिली। वर्ष 1977 के बाद पहली बार वामपंथियों को राज्य में लोकसभा चुनाव में इतनी बुरी पराजय का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में वामपंथी दलों को 35 सीटों पर सफलता मिली थी। कांग्रेस को छह और तृणमूल को एक ही सीट से संतोष करना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि पिछले 32 वर्षो से प्रदेश में वामपंथी शासन है। ममता की कोशिश वर्ष 2011 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव में वामपंथी दलों को सत्ता से बाहर करना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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