श्रीलंका को अतिरिक्त सहायता की पेशकश करेगा संयुक्त राष्ट्र
कोलंबो, 22 मई (आईएएनएस)। श्रीलंका के उत्तरी हिस्से में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम(लिट्टे) और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष की वजह से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और ज्यादा सहायता की पेशकश करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी ऐसे मौके पर दी है जबकि सरकार ने संघर्ष में हताहत हुए सुरक्षाकर्मियों का ब्यौरा जारी किया है।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार श्रीलंका के रक्षा मंत्री गोताबया राजपक्षे ने तमिल विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष के आखिरी चरण में हताहत होने वाले सैनिकों का ब्यौरा जारी किया है।
उन्होंने सरकारी टीवी चैनल आईटीएन को गुरुवार को बताया कि अगस्त 2006 से लेकर गत रविवार तक चले संघर्ष में 6261 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी, पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक गार्ड्स मारे गए और करीब 30,000 से ज्यादा घायल हो गए।
रक्षा मंत्री ने बताया कि 1981 से जारी संघर्ष में अब तक 23,790 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। उन्होंने लिट्टे और आम जनता को पहुंचे नुकसान का विवरण नहीं दिया।
मून के चीफ ऑफ स्टाफ विजय नाम्बियार ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव यहां कुछ शरणार्थी शिविरों और संघर्ष क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मून विस्थापितों के पुनर्वास के लिए सहायता की पेशकश कर सकते हैं। युद्धअपराध जैसे मामलों के बारे में नाम्बियार ने कहा कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के दायरे में आता है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका सरकार की इस बात से सहमत है कि जगह की कमी की वजह से ज्यादा राहत कर्मियों को शिविरों में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा सकती।
इस बीच राहत एजेंसियों ने सरकार से शिविरों में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाने से कहा है क्योंकि शरणार्थी शिविरों में हालात बदतर होते जा रहे हैं। राहत एजेंसियों का कहना है कि शरणार्थी शिविरों में फिलहाल 270,000 लोग हैं और वहां 50,000 अन्य के पहुंचने की संभावना है।
श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि ज्यादातर विस्थापितों का पुनर्वास अगले छह महीनों में हो जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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